सोमवार, 19 जनवरी 2009
ईमानदारी और भारत ,विकास
कल होटल हययात में एक विचार गोष्टी का आयोजन हुआ , विषय था " क्या भारत में ईमानदारी के साथ विकास संभव है। " एक किताब के उद्घाटन के साथ .किताब का नाम है ",प्रिसमे में अ लिए , टेल मी अ ट्रुथ" मधु त्रेहान द्वारा । सभी दिग्गज देलही के आए हुए थे । नाम देती हू आप समझ जाए गे। कपिल सिब्बल, किरण बेदी, लीला सेठ, दीपा मेहता, शेखर गुप्ता, इरा पांडे ,दिबांग ,शोभना भारतीया, विक्रम चंद्र और बहुत सारे लोग । उस दिन चर्चा चल रहीथी क्या ईमानदारी से भारत में विकास संभव है। मजे कि बात मुझे यह लगी कि वह कोई गरीब या कमजोर तबके का व्यक्ति नही था जिसे लेकर यह बातचीत कि जानी चाहिए । सारा का सारा तबका उच्च वर्ग का त्यहा। वैसे भी अगर गरीब वर्ग होता भी तो वे भी अपनी कोई समस्या पर कोई खास चिंतन नही कर लेते । असल में चिंतन करना एक फैशन सा हो गया है और हम ख़ुद को अहसास दिलाने के लिए या ख़ुद को याद दिलाने के लिए बीचबीच में ये सब ड्रामे बजी करते रहते है। वरना सबको मलूब है भ्रस्ताचार कैसे ख़त्म किया जासकता है.
बुधवार, 14 जनवरी 2009
मकर -संक्रांति.
आज मकर संक्रांति है आज के दिन हमारे बिहार में खिचडी खाने का प्रावधान रहता है। मैंने भी आज खिचडी पकाई और खाया । शुरू- शुरू डेल्ही में जब आई थी तो एक परिचित के घर जा कर मुझे खिचडी खानी पड़ी। आज तिल दान और चुडा दान का भी प्रावधान है। चुडा दही भी आज खाना जरूरी माना जाता है।
शनिवार, 10 जनवरी 2009
नया तरीका
( भोपाल से लौटते वक्त ट्रेन में लिखा था )
चलो छोड़ो ज़िन्दगी जीने का
नया तरीका सोच लिया हमने
पुराने तरीके चूकगए तो
क्या गम है ।
चलो छोड़ो ज़िन्दगी जीने का
नया तरीका सोच लिया हमने
पुराने तरीके चूकगए तो
क्या गम है ।
शुक्रवार, 2 जनवरी 2009
कुल्लू में कविता पाठ
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