शनिवार, 10 जनवरी 2009

नया तरीका

( भोपाल से लौटते वक्त ट्रेन में लिखा था )

चलो छोड़ो ज़िन्दगी जीने का
नया तरीका सोच लिया हमने
पुराने तरीके चूकगए तो
क्या गम है ।

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