शनिवार, 9 अक्तूबर 2010

अलीगढ और " आशा "


मेरी अभी हाल की अलीगढ की यात्रा में जो मुझे देखने को मिला वो था हमारा देश भारत का एक महत्वपूर्ण अंग गाँव . अलीगढ के शहरी इलाके से थोड़ी दूर पर सरमस्तपुर गाँव है . यहाँ यूनिसेफ , अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग के प्रोफेस्सर नूर मोहमद और राज्य सरकार के स्वस्थ विभाग के सहयोग से नवजात शिशुओ के मृत्यु दर को रोकने के लिए कई प्रयास किये जा रहे है. सबसे मजेदार जो बात लगी मुझे यहाँ पर कि सरकारी विभाग के कर्मचारी देश कि सेवा से ज्यादा अपने ओहदे की मान मर्यादा की रक्षा के चक्कर में अपना ज्यादा समय गवा देता है या कहे लगा देता है. गाँव की गरीब कम पढ़ी लिखी औरतो को जब " आशा " बनने का मौका मिला तो वे जी जान से कुछ रुपयों की खातिर इस समाज सेवा में जुट गयी. २०००-३००० रुपये मासिक आमदनी के एवज में वे घर- घर जा कर सरकारी हस्पताल में बच्चा पैदा करने की महत्ता के बारे में बतलाने लगी. पर हमारे गाँव के रस्ते इतने सुन्दर है कि बेचारियो को यातायात कि कोई सुविधा नहीं है , सिर्फ पैदल उनेह जाना पड़ता है. जब मैंने यही बात वहां के सरकारी स्वस्थ अधिकारी से कही कि वे सम्बंधित सरकारी डिपार्टमेंट को जा कर कहे कि रोड अच्छा बनादे ताकि गाडियो को चलने में आसानी हो या ये "आशा" साईकिल चला कर घर- घर जा कर और ज्यादा काम कर सके गी तो सरकारी अधिकारी ने कहा मैडम हम दूसरे डिपार्टमेंट में दखल नहीं दे सकते.
अब सोचिये ये सारे डिपार्टमेंट बने है देश सेवा के लिए पर ये आपसी अहंकार में ही उलझे पड़े है.

2 टिप्‍पणियां:

Atal Behari Sharma ने कहा…

madhavi ji Samaya isse kahi jayada ghari he. Vartman me swasthaya karykaram NRHM videshi takto aur paise ke isharo per chal raha he. Gandhi ke is desh me majboot rid ki haddi wale insan ab nahi milte, jo kuch thode bahut kamr sidhi aur sir uncha rakhne ka sahash karte he unhe jhukane/todne ki pur jor kosis hoti he. udharan he Irom Sharmila.
Khair baat kare delivery at Hospital ?? kiske hito ke liye !! jo prohtshan rashi he kiski jeb me jati he !! "ASHA" ki isthiti ghor nirasha janak he - thier are incedent that they have been exploited by government babus to release their allowances too...
There is no one to question about the utility of Plus polio campaign and when will it be over...?? sorry if I sound cynical >>>>>

imnindian ने कहा…

atal ji , its v important in democracy to have questns. you must ask it & responsible person must answr it.it keeps the deemocracy going...