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BAKBAK
मंगलवार, 4 जनवरी 2011
व्यवस्था
व्यवस्था के दरवाजे पर पंहुचा एक आदमी
जो था व्यवस्था का शिकार -
व्यवस्थापक बन कर.
कुछ दिनों बाद खबर आई
वो आदमी व्यवस्था का शातिर शिकारी बन गया
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