skip to main
|
skip to sidebar
BAKBAK
बुधवार, 22 सितंबर 2010
जिंदगी और हम
हारना हमने सीखा नहीं
जीतने का मौका जिंदगी ने दिया नहीं
कुछ कमी रह गयी थी आपसी समझ में
तभी तो हर मोड़ चौराहा सा नज़र आता है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
लेबल
घूमना फिरना
(4)
जागो
(5)
जीवन शेली
(5)
तस्वीरे
(1)
दिल्ली- डायरी
(4)
सिनेमा
(2)
film
(5)
JAGO
(19)
kuch chapa hua
(8)
media
(1)
poetry
(15)
POLICE
(2)
upanyas
(4)
Add-Hindi
ब्लॉग आर्काइव
►
2014
(1)
►
मार्च
(1)
►
2012
(5)
►
दिसंबर
(3)
►
अप्रैल
(1)
►
फ़रवरी
(1)
►
2011
(6)
►
अक्तूबर
(1)
►
मार्च
(2)
►
जनवरी
(3)
▼
2010
(16)
►
दिसंबर
(2)
►
नवंबर
(1)
►
अक्तूबर
(1)
▼
सितंबर
(4)
शब्द और संबाद
जिंदगी और हम
कैलाश मानसरोवर के मनोरम दृश्य
ये है प्रवीना जी और उनकी बहन- मीनाक्षी और उन...
►
अगस्त
(1)
►
जून
(2)
►
मार्च
(2)
►
जनवरी
(3)
►
2009
(79)
►
दिसंबर
(14)
►
नवंबर
(7)
►
अक्तूबर
(8)
►
सितंबर
(15)
►
अगस्त
(10)
►
जुलाई
(4)
►
मई
(3)
►
अप्रैल
(3)
►
मार्च
(4)
►
फ़रवरी
(6)
►
जनवरी
(5)
►
2008
(21)
►
दिसंबर
(6)
►
सितंबर
(2)
►
अगस्त
(1)
►
जून
(8)
►
मई
(4)
मेरे बारे में
imnindian
I am a simple old fashioned person with modern outlook.Believe in humanity, oneself & GOD.Life is too small to keep grudges , live it fully , do something that you should feel proud when you will leave this world. Love life, love yourself.
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Feedjit Live Blog Stats
सदस्यता लें
संदेश
Atom
संदेश
टिप्पणियाँ
Atom
टिप्पणियाँ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें