प्यारे दोस्तों , ये मेरी दोस्त चैताली है। हमारी दोस्ती को एक दसक हो जाए गे। चैताली बड़े- बड़े फेमिन्स्तो की तरह भाषण बाजी नही करती , वो चुप- चाप अ संख्य आम महिलाओ की तरह अपने दोस्तों की मदद करती है। बिना किसी नाम या तारीफ के आइवाज में।
आज अगर मेरी लेखनी जिन्दा है तो उसमे चैताली का बहुत बडा योगदान है। चैताली कोलकता में रहती है और बच्चो को पद्धति है। चैताली के बारे में यही कहुगी कि मेरी लेखनी पर मुझसे ज्यादा भरोसा उसे है। चैताली के एक बेटा ही और वो क्लास नवमी में पढ़ रहा है। चैताली के पति तमाल दा र्म्किशानन स्कूल में शिक्षक है।
हमारी दोस्ती लाभ- फायदे कि सप -सीढी ऐ नही गुजर ती । चैताली से मिलकर कैसा लगा जरूर बताये।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
2 टिप्पणियां:
चैताली से मिल कर अच्छा लगा. नमस्ते कह दिजियेगा. :)
बहुत अच्छा लगा .. आप भाग्यशाली हैं।
एक टिप्पणी भेजें