सोमवार, 30 मार्च 2009

एक खुशी

दोस्तों आप से एक खुशखबरी बाटने का मन कर रहा है , मै हमारे महिला पत्रकारों के प्रेस क्लब के चुनाव में जीत गयी। जीत की खुशी इस बात से ज्यादा है कि दिल्ली आए मुझे ज्यादा वक़त नही हुआ है और मै यहाँ आ गई इस महा कुम्भ में । थोड़ा डर लग रहा था कि जीतू गी कि हारुगी । फिर सोचा चलो भिड जाओ , जो हो गा देखा जाए गा, भगवन पर छोड़ दो। नतीजा अच्छा ही रहा, मै जीत गयी। लडाई कभी बेकार नही जाती ।

देखे आने वाले दिनों में महिला पत्रकारों के लिए क्या कर पाती हू।

सोमवार, 23 मार्च 2009

ईमस और ३ करोड़ का बगीचा

भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान , दिल्ली में एक बगीचा है जिसकी लागत३ करोड़ रूपये है। कहा जाता है इस बगीचे के लिए बीज अमेरिका से मगवाये गए है। सिक्यूरिटी गार्ड अलग से लगे रहते है इस काम में। इतना खर्च सरकार अगर इस बगीचे के लिए करती है इससे अच्छा तो वो इन पैसो का इस्तेमाल गरीब जनता के लिए कर सकती है। उनके दावा- दारू के लिए।

सोमवार, 16 मार्च 2009

प. बंगाल और चुनाव -२००९

प। बंगाल में महिलाओ की स्थिति अन्य राज्यों से अच्छी है पर वहाँ पंचायत में और विधानसभा, लोकसभा में महिलाओ की संख्या नही के बराबर है। ये स्थिति बंगाल की छवि के लिए क्या अच्छी है ? यह प्रश्न हमें सरकार और जनता दोनों से पूछना है।

चुनाव -2009

अभी सारी पार्टिया जनता को उल्लू बनने में लगी हुई है और जनता प्रजातंत्र के नाम पर उल्लू बननेको तैयार पड़ी है । वैसे भी कहा गया है जनतंत्र में वैसे ही नेता चुन कर आता है जैसी जनता होती है। जनता ने सपने देखना छोड़ दिया इसलिए Rahul गाँधी जब तक pm की gaddi की लिए पुरी तरह से तैयार नही हो jate Manmohan जी gaddi samhale ge। वैसे congress को गली देकर कोई khas fayada नही Laloo जी ने भी तो Rabri Devi ही दिया bihar को वहा कौन सी जनतंत्र से चुनकर CM आया । सभी पार्टी का यही हाल है चाहे वो P .sangma की बेटी हो हो, शरद पवार की बेटी हो ,करूणानिधि के बेटे हो या राज & udhaw thackeray हो। पार्टी के अन्दर जनतंत्र नही है और चले है देश में जनतंत्र लाने । असल में हम system के khilaf आँख, नाक , कान बंद कर के बैठ गए है और सोचते है की कोई कृष्ण आएगा हमें उबारने। दो सौ साल की गुलामी ने हमें यथासिथितिवाद का पोसक बना दिया है।
सरकार किसी भी पार्टी की आए ,खरीद -फरोत होगी , MP ख़रीदे जनता फिर उल्लू बनेगी और अगले चुनाव तक अपनी मुठ्ठी भिचे रहेगी .पत्रकार भाई सोचेगे हमने अच्छी पहरेदारी की जनतंत्र की , कुछ को मुआवजा या कीमत या बेलआउट भी मिल जाए गा । जिनको नही मिला वो उस लायक बनने की कोशिश करे गे की अगले चुनाव तक कुछ हैसियत बना ले taki कुछ kamaya ja सके। tab तक के लिए nare lagate रहो और chilate rahoooooo।
जय हो जनतंत्र की.........................