गुरुवार, 26 फ़रवरी 2009

एक दिन संसद की यात्रा

कल मुझे राज्य सभा का कार्यवाही देखने का मौका मिला ।कार्यवाही देखने के पहले मुझे तीन परते सिक्यूरिटी चेक के से गुजरने पड़े । पहले मोबाइल जमा करवाना पड़ा, इलेक्ट्रॉनिक सामान भी। फिर मुझे बैठना पड़ा अपने नम्बर के लिए की मै कब अंदर जाऊ । फिर जब मै अंदर पहुची तो फिर एक स्तर सिक्यूरिटी चेक के । यहाँ तो हमेंअपनी स्वेटर ,पेन, बैग wअगेर रखवा लिए। उनका कहना था की हम ऊपर जा कर पेन वगेरा फेक सकते है चलती सदन पर। ऊपर मुझे फ्रंट रो में भी नही बैठने दिया गया , आप अगुली उठा कर कुछ दिखा कर पुच भी नही सकते। इतनी sakhti । ये saari बाते यही बताती है की अगर हम चाहे तो चीजो पर लगाम लगा सकते है, पर चाहते ही नही है। खास कर नेता। मुझे लगता है हर नागरिक को अपने जीवन काल में एक बार संसद की कारवाही तो जरूर देखना चाहिए। नही तो जनतंत्र में रहने का कोई फायदा नही।

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