अभी हाल -फिलहाल मुझे भाखरा -नागल बाँध करीब से देखने का मौका मिला। . वहा जा कर लगा कि पंडित नेहरू ने कितना बड़ा कार्य देश के लिए किया था। चूकि वहा सुरक्षा कारणों से कैमरा ले जाना मना था ,इस कारण वहा की तस्वीरे हम नही ले पाए। बाँध के ऊपर से गुजरे , उसके नीचे तक गए । क्या लोमहर्षक दृश्य था ,वर्णन करना मुश्किल है। लिफ्ट से बाँध के नीचे तक गए १४० फीट नीचे एक मिनट से भी कम समय में । जब तन्नेल के अन्दर चल रहे थे तो पानी का दबाव
महसूस कर रहे थे। बाहर आयी तो लगा कितनी खुबसूरत जगह है।बिजली जहा बन रही थी वहा भी गयी । इस बाँध से दिल्ली , यूपी ,हिमांचल, अगल- बगल के कई राज्यों को बिजली - पानी की सप्लाई होती है। पंजाब की कहानी इस बाँध के निर्माण के बाद से बदल गयी। इस के बाद मै उस जगह गयी जहा पंडित नेहरू ने चीन के तत्कालिन प्रधान मंत्री के साथ "पंचशील संधि " पर हस्ताक्षर किया था । हालाकि वह कमरा बंद करदिया गया है आम जनता के लिए ऐतिहासिक कारणों से। पर इस जगह की खूबसूरती इसके ऐतिहासिक महत्व को और बढ़ा देती है।
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