जसवंत सिंह का निष्कासन बीजेपी SE इतना सरल मुद्दा भी नहीं है. क्योकि इसी बहाने से बीजेपी नेहरु के मुद्दे को बहुत प्रभावी तरीके से उठा सकी है फिर से जनता के बीच में . आज से कई वर्षो पहले बीजेपी ने स्यूडो सेकुलर का मुद्दा जनता के बीच बड़े प्रभावी तरीके से उठाया था , आज वो फिर कांग्रेस- नेहरु की भूमिका विभाजन के वक़्त जनता KE बीच उठा रही है . पर इसकी कीमत जसवंत को बलि का बकरा बना कर दिया जारहा है. लोगो के मानस पटल पर नेहरु - गाँधी परिवार की छवी इतनी मजबूत है की कांग्रेस चुनाव के समय इस छवी को हमेशा भुनाने का काम करती है. बीजेपी की पूरी कोसिस है कि इस छवी पर सवाल खड़े किये जाये और वो जनता का रुख अपनी तरफ मोड़ सके.
देखे बीजेपी इस प्रयास में कितनी सफल होती है. कितना कांग्रेस उसे सफल होने से रोकती है, ये तो वक़्त ही बताये गा.
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