सोमवार, 26 अक्टूबर 2009
जनतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना
बहुत जरूरी है जनतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना जनतंत्र के फायदे लिए . सत्ता पक्ष का मजबूत होना जितना जरूरी है देश को सही रूप से चलाने के लिए उतना ही जरूरी है एक मजबूत विपक्ष का होना उस पर अंकुश लगाये रखने के लिए. आग को पानी का खतरा लगातार होना चाहिए .बिना मजबूत विपक्ष के सत्ता पक्ष मनमानी पर उतर सकता है. आज कांग्रेस के मजबूत हाथो को एक मजबूत विपक्ष के दिशा निर्देश की जरूरत है. पर जिस तरह से बीजेपी अपने अन्दूरुनी मसले हल कर रही है उससे उसकी छवि जनता के बीच एक हारे-पिटे हुए पार्टी की हो गयी है . अडवानी जिस तरह से उसकी पार्टी के अन्दर विरोध और व्यहवार का सामना करना पड़ रहा है आने वाले समय में राजनीती के लिए ये अच्छे संकेत नहीं है. हार -जीत जीवन में लगे रहते है . आज कांग्रेस ऊपर है कल नीचे भी जा सकती है . पर जिस तरह से मीडिया पहले सोनिया गाँधी के पीछे पड़ी थी जब वो राजनीती में नयी आयी थी कि उनका ड्रेस कोड कैसा है , वो चलती कैसे है, वगेरा -वगेरा बेकार की बाते . आज वो अडवाणी के लिए ऐसा कह रहे है. बात यह नहीं है कि हम आलोचना कर सकते है या नहीं पर यह है कि हम किस स्तर की आलोचना करते है. आज अडवानी -विपक्ष के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है वो पत्रकारिता के लिए भी अच्छा नहीं है. और विपक्षी पार्टी को भी सयम बरतना सिखाना चाहिए.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
2 टिप्पणियां:
स्वस्थ राजनीति के विकास के लिए और जनता के हित के लिए ये बहुत जरूरी है कि जो भी अपोजिशन में हो वो मजबूत हो। सरकार के कामों पर पैनी नजर रखे और सकारात्मक आलोचना में खुद को आगे रखे
बहुत अच्छा लगा विशेष रुप से आपका बिहार ब्लॉग। मेरे ब्लॉग पर भी पधारे
www.vishwakeanganmehindi.blogspot.com
एक टिप्पणी भेजें