दिल्ली सरकार जिस तरह से दाम बढा रही है बस के किराये का , आने वाले समय में गाड़ी में चढ़ना सस्ता होगा बजे के बस में चढ़ने के. कमान वेअल्थ गेम के नाम पर जनता की लूट अभी से शुरू हो गयी . सिर्फ दो- चार पोश इलाके चुन लिए गए है जैसे लोधी रोड , जनपथ, सीपी रोज इन्ही के चेहरे चमकाए जाते है जनता की गाधी कमाई से पद्पद गंज , भीतरी दिल्ली का इलाका तो पूरा सुन है और रस्ते उजडे हुए- उबड़ - खाबड़. .क्या ये दिल्ली की जनता नहीं है. इस पर धयान नहीं दिया जाना चाहिए.
अगर इस तरह किराये बढे तो जनता आनेवाले दिनों में सड़क पर उतर आये गी.पिछले तीन सालो में किराया १५०% बढ़ गया है. २००६ में २-५-७-१० रुपये का किराया था. फिर २००७ के शुरुआत में ३-५-७-१० का किराया लागु हुआ . अब मिनिमम किराया ५-१०-१५ कर दिया गया है. यानि सीधे १००% की बढोतरी गरीबो की जेब काटने के लिए. सरकार खुद तो गाड़ी में घूमती है और गरीब जनता ५०००-६००० कमाने वाले पीउन क्लास कैसे अपना घर संसार चलाये गा. उनेह तो कोई घूस देने से रहा.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें