वो लड़का , जिसकी अब सगाई हो चुकी है
वो पूरी कोशिश करता है कि
अपनी होने वाली बीबी के सामने वो
खुद को साबित करसके कि
वो सिर्फ उसका है.
जबकि ,वो लड़का अच्छी तरह से जनता है कि
वो अपनी बीबी का तो क्या
वो खुद का भी नहीं है.
वो अच्छी तरह जनता है कि
वक्त आने पर अपने फायदे के लिए
वो खुद भी धोखा दे सकता है.
वो लड़का पूरी कोशिश करता है कि
अपनी शादी में वो उन लडकियो को न बुलाये
जिनके साथ वो घूमा - फिर करता था.
क्यों कि बाहर घुमने वाली लडकिया
भांड हुआ करती है
जिसमे चाय पी कर फेक दिया जाता है
बोन - चाइना की कप प्लेट नहीं
जिसमे चाय पी कर वापस उसे धो कर
शो केस में सजा कर रख दिया जाये
दूबारा इस्तेमाल के लिए.
माधवी श्री
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10 टिप्पणियां:
duniya ka dastoor hai...
apna kya kasoor hai
इसके रिवर्स में आप लड़कियों के लिए भी ये लिख सकती हैं।
ये तो गोया
बात इकतरफा हुई मोहतरमा
ज़रा तस्वीर का दूसरा रूप भी तो दिखलाइये
(एक लड़का और एक लड़की के बारे में रिश्तों और संबंधों को लेकर)
हमने तो और भी रूप देखे हैं ज़माने के !
ati sundar
बेहतरीन रचना....
प्रखर स्त्री विमर्श की कविता.
maine yah nahi kaha ye akhari mukam/ sthiti hai stree- purush ke rishte ko lekar. par ek sachchai jaroor hai....behad kadwi aur ghatia sachchi .......
हाँ हम मानते हैं कि यह एक कडवी और बेहद घटिया सच्चाई है. और एक सच यह भी कि आजकल यह सच्चाई किसी भी रूप में दिख सकती है. मानता हूँ लड़कों का प्रतिशत कहीं अधिक है.
सिक्के का दूसरा पहलू.....
वो लड़की...
एक लड़की थी...जिसकी शादी तय हुई...उसका होने वाला पति उसको बहुत प्यार करता था...
लेकिन वो उसके साथ बहार घुमने जाने में आनाकानी करती थी...
उसे डर था की उसके कोई पुराने बॉयफ्रेंड न मिल जाये...
उसने इससे पहले कई लडको को धोका दिया था...
और शायद इस लड़के को भी धोका देना चाहती थी...
उसके लिए रिश्तों का मतलब सिर्फ पैसा और ऐश था...
उसके लिए बॉयफ्रेंड सिर्फ कार की तरह थे जिसे बोर हो जाने पर बदल दिया जाता है...
ऐसे में क्या कहा जाये...
बाकि आपने बहुत सही लिखा है....
हिमांशु डबराल
aajad desh k aajad nagrik lekin bhartye senskrity say koson dure
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