मंगलवार, 1 सितंबर 2009

जनता को चाहिए ....

"आग को पानी का खतरा होना चाहिए " वैसे ही बीजेपी को कांग्रेस से खतरा होना चाहिए और कांग्रेस को बीजेपी और दोनों को कम्युनिस्ट पार्टी से . इनके आपसी खतरे में ही जनतंत्र सुरक्षित रह सके गा. जनतंत्र में जनता के पास विकल्प होना चाहिए . अगर कोई भी पार्टी जनतंत्र में कमजोर पड़ती है तो दूसरी पार्टी निर्कुश हो जाती है. इसलिए जनता को चाहिए कि वो इन पार्टियों पर लगाम रखे . किसी को इतना अश्शवत नहीं होने दे कि वो अपने को आप का राजा समझने लगे.

1 टिप्पणी:

exposeadvani ने कहा…

आपकी चिंता बेहद वाजिब है। बीजेपी का यूं कमजोर होना एक लिहाज से तो आश्वस्त करता है लेकिन अगले ही पल यह एक भय पैदा करता है। आपने बिल्कुल दुरुस्त कहा है कि बीजेपी का ये बिखराव कांग्रेस को निरंकुश बना देगा और ये लोकतंत्र के लिए बहुत घातक होगा। दूसरी तरह से देखें तो बहुत कुछ राजतंत्र की वापसी जैसा। यह लोकतंत्र की उस परिपक्वता से पीछे मुड़ना होगा जिसे हमने 60 साल में गढ़ा है। वैचारिक मतभेद और विपक्ष का दबाव ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती है। कहीं हम इसे खो तो नहीं रहे। आपका फिक्रमंद होना बिल्कुल लाज़िमी है। हम सबको होना चाहिए।