मंगलवार, 15 सितंबर 2009

ब्लू ओरंजेस " यानि - नीले संतरे .

कल एक फिल्म देखी " ब्लू ओरंजेस " यानि - नीले संतरे . ये फिल्म राजेश गांगुली की है. ये राजेश की पहली फिल्म है. राजेश ने ये अच्छा प्रयास किया है " कम बजट सिनेमा "में जो हमे "चस्मेबद्दुर", "नरम -गरम ", "गोलमाल " जैसी फिल्मो की याद दिला जाती है. हलाकि यह एक डिटेक्टिव फिल्म है पर आप पूरे तौर पर इस फिल्म से जुड़े रहते है शुरू से लेकर अंत तक. कुछ एक बात जो इस फिल्म का प्लस पॉइंट है और कमजोर भी. यह फिल्म कम बजट की फिल्म है और हमारी आँखों को बड़ी बजट की फिल्मो की आदत हो गयी है. दूसरी स्टार कास्ट में प्राय सब नए है सिर्फ राजित कपूर उर्फ़ ( ब्योमकेश बक्शी ) ;शिशिर शर्मा को छोड़ कर. नए आये कलाकारों में अहम् शर्मा काफी उम्मीद से भरे कलाकार लगे. अगर इस बन्दे को अच्छी फिल्मे मिलती है तो आने वाले दिनों में ये लम्बी रेस का घोड़ा होगा. पूजा कँवल "हम लोग " टीवी सीरियल की लजोजी (अनीता कँवल ) की बेटी है. पूजा की पहली फिल्म राजश्री प्रोडक्शन के साथ थी मुहब्बत वाले विषय पर जो बुरी तरह बॉक्स- ऑफिस पर पिटी. इस फिल्म में पूजा ने परिपक्व एक्टिग की है. देखे सितारे उसे कहा तक ले जाते है. कुल मिला कर मूवी एक अच्छी फिल्म बन पड़ी दिखाती है. जो टीवी सीरियल का सा अहसास देती है पर ये हमारी बड़ी बजट फिल्मो की आदत की खराबी है. फिल्म मल्टी- प्लेक्स या छोटे शहरो में चलनी चाहिए . अगर आप ये फिल्म देखे तो मुझे जरूर बताये कैसी लगी.

7 टिप्‍पणियां:

exposeadvani ने कहा…

बढ़िया समीक्षा लिखी है। इतने कम शब्दों में पूरी बात लिख दी है। और वो भी वाजिब संदर्भों के साथ। मतलब पात्रों के बारे में भी पता है, कथानक के बारे में भी और किस्सागोई के बारे में भी। गुड है गुड। कहीं कोने में ये भी बता दिया होता कि लगी कहां है तो और गुड हो जाता। है न?

imnindian ने कहा…

wo to akhabak dekh le pata chal jaye ga.....
bandhu.......

सतीश पंचम ने कहा…

जानकारी के लिये शुक्रिया। ढूँढ कर देखता हूँ कहीं देखने मिलती है या नहीं, वैसे इस तरह के फिल्म बडी बजट के PR के चलते दब कर रह जाती हैं और मैं ऐसी ही फिल्में पसंद करता हूँ क्योंकि इनमें कम पैसे के साथ दिमाग भी लगाया जाता है जो कि बडी बजट के फिल्मों में पैसों के ढेर के आगे नहीं दिखता।

अच्छी पोस्ट।

exposeadvani ने कहा…

और अगर जो अखबार न पढ़ा तो... और जो अखबार पढ़ा उसमें न छपा हो तो... तो क्या, ये पब्लिश करने के लिए नहीं है....

कुश ने कहा…

आपके लेख ने तो उत्सुकता बढा दी है.. आज सुबह से ढूंढ रहा हु.. कही पर मिल जाए ये फिल्म..

MUMBAI TIGER मुम्बई टाईगर ने कहा…

जानकारी के लिये शुक्रिया।

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

बढ़िया समीक्षा....अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
मैनें अपने सभी ब्लागों जैसे ‘मेरी ग़ज़ल’,‘मेरे गीत’ और ‘रोमांटिक रचनाएं’ को एक ही ब्लाग "मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी"में पिरो दिया है।
आप का स्वागत है...