गतांक से आगे :- बिछड़े दोस्त
चलिए अब आपको कहानी की मुख्य धारा पर ले चलते है . ये है रमा. रमा की उम्र ६१ वर्ष आईने के सामने खड़े होकर वह अपने उम्र की रेखाओ को कम थोडा कम करने के लिए एंटी एजींग क्रीम लगा रही है . खास बॉम्बे से मगवया है उसने १५०० रुपये खर्च कर के . फिर तरह - तरह की क्रीम , लोशन ,हेज्लिंग , पावडर रमा के ड्रेससिंगतबल पर बिखरे पड़े है जिसका इस्तेमाल करके वो अपने सौन्दर्य अभियान में अपने आप को थोडा सा संतुष्ट पा रही है . आब आप कहे गे इस उम्र में इतने सजने - सवारने की क्या जरूरत . कोई पुरुष तो उसे इस उम्र में " वैसे " देखेगा नहीं ----------, ऐसा मेरा नहीं , रमा का मानना है .
मै यहाँ अपनी कोई भी बात या विचार या सोच नहीं रखूगी . बस आप लोगो को इन महिलाओ के जीवन - प्रवाह से परिचित करवाउंगी. समय के साथ - साथ समाज के हर भाग में बदलाव आया है . सही या गलत - ये मै नहीं जानती.
हां , तो रमा आज कोलकाता आयी है . वैसे वो रहती मुंबई में है . आज उसका कारोबार हिमांचल में है - टिम्बर का . पर कभी - कभी कोलकाता आती रहती है. यहाँ उसका एक पूर्व प्रेमी रहता है ,उसी से मिलने वो चली आती है बीच- बीच में . अब आप कहेगे इतने रुपये उसके पास कहाँ से आये खर्चने के लिए ? क्या उसके घर में कोई उसे मना नहीं करता इन सब चीजो के लिए? तो मै आपकी जानकारी के लिए कह दू कि रमा का कोई नहीं है इस दुनिया में . परिवार के नाम पर वो खुद एक इकाई है , पहली और आखिरी . रमा ने अपनी युवावस्था में एक बहुत ही पैसे वाले बूढ़े आदमी के साथ शादी कर ली . उस आदमी ने अस्सी वर्ष की आयु में मरते वक्त अपनी तमाम जायदाद रमा के नाम कर दी और वयवसाय भी .
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें